CBSE CISCE Exam: बड़ी खबर! सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई बोर्ड को दिया झटका, पढ़ें पूरी खबर

CBSE CISCE Exam देने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएससीई और आईसीएससी की पहले सत्र की परीक्षा को हाइब्रिड मोड में कराने से मना कर दिया है। आप की जानकारी के लिए बता दें की कोविड- 19 के चलते 10वीं और 12वीं की परीक्षाओ के पहले सत्र को हाइब्रिड मोड में कराने के लिए याचिका दायर की गयी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है। इस मुद्दे में सभी विद्यार्थी चाहते थे की उनकी परीक्षा ऑनलाइन मोड में भी हो जिससे उन्हें ऑफलाइन मोड में ही परीक्षा देने की बाध्यता न हो।
क्या है हाइब्रिड मोड परीक्षा
हाइब्रिड मोड में परीक्षा का मतलब है की छात्रों को परीक्षा देने के लिए ऑफलाइन मोड और ऑनलाइन मोड में से किसी भी एक विकल्प को चुनने का ऑप्शन दिया जाए। जिससे सभी विद्यार्थी और उनके अभिभावक अपनी सुविधानुसार किसी एक का चयन कर सकें। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया है जिससे अब अभिभावकों और छात्रों के पास अन्य कोई विकल्प शेष नहीं रह गया है। इस फैसले के बाद सभी छात्रों को ऑफलाइन मोड में ही परीक्षा देनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इसलिए की मांग ख़ारिज
सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की इस रिट याचिका को खारिज कर दिया जिससे अब 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा ऑफलाइन मोड में होगी। इससे अब सीबीएससी और आईसीएससी बोर्ड की टर्म 1 की परीक्षा अब हाइब्रिड बोर्ड में नहीं कराई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अब ऐसा करना ठीक नहीं होगा। क्यूंकि सीबीएससी बोर्ड की (CBSE Board Term Exam) पहले ही 16 नवंबर को शुरुआत हो चुकी है। और अब किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से परीक्षा में बाधा पहुंचेगी। वहीँ आईसीएससी की परीक्षा भी 22 नवंबर को कराई जाएगी। जिससे छात्रों द्वारा की गयी रिट याचिका पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के बेंच ( जस्टिस एएम खानविलकर और सीटी रविकुमार की बेंच ) ने कहा की उन्हें यकीन है की संबंधित अथॉरिटीज कोविड प्रोटोकॉल का पालन करेंगी और सभी सावधानियां बरती जाएंगी।
कोविड गाइडलाइन्स का पालन करते हुए कराई जाएगी परीक्षा
आप की जानकारी के लिए बता दें की जैसी की अब परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में ही होंगी तो ऐसे में सभी छात्रों और उनके अभिभावकों का चिंतित होना जाहिर सी बात है। इस बात का ख्याल रखते हुए संबंधित अथॉरिटीज ने पूरी व्यवस्था कर ली है जिससे किसी भी तरह की अवांछनीय समस्या न हो और न ही किसी प्रकार की कोई लापरवाही हो। परीक्षा के दौरान छात्रों समेत सभी लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए सीबीएससी ने क्या क्या कदम उठाये हैं इस बारे में जानकारी देने के लिए भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीबीएससी की तरफ से बताया की कोविड से संबंधित किसी भी चिंता के समाधान के लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है।
उन्होंने बताया की सीबीएसई ने परीक्षा केंद्रों की संख्या पहले के मुकाबले इस बार बढ़ा दी है। पहले 6500 केंद्रों की बजाए इस बार कुल 15, 000 केंद्रों में परीक्षा कराई जाएगी। ऐसा करने से न सिर्फ सोशल डिस्टैन्सिंग बढ़ेगी बल्कि केंद्रों तक आने जाने में लगने वाला समय भी कम किया जा सकेगा। साथ ही एक केंद्र में 12 छात्र ही बैठ सकेंगे। जबकि पहले ये संख्या 40 छात्रों की होती थी। यहाँ तक की इस बार सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखकर परीक्षा की अवधी में भी बदलाव किया गया है। पहले ये 3 घंटे की होती थी लेकिन इस बार 90 मिनट (डेढ़ घंटे ) की होगी।

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