नई दिल्ली/ गाजियाबाद [हसीन शाह]। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद यूपी गेट पर टेंट खाली होने शुरू हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार घट रही है। अब दूर तक खाली टेंट दिखाई दे रहे हैं। मंच पर भी प्रदर्शनकारियों की संख्या गिनी-चुनी रह गई है, जबकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी कानून बनने तक धरना जारी रखने की जिद पर अड़े हैं।
सुनने वाले में 15-20 लोग ही दिखे
यूपी गेट पर प्रदर्शनकारियों ने दो किलोमीटर तक टेंट लगा रखे हैं। एनएच नौ पर दिल्ली जाने वाली लेन पर मंच बनाया हुआ है। रविवार दोपहर को मंच पर एक प्रदर्शनकारी संबोधित कर रहा था। उस दौरान मंच पर चार-पांच प्रदर्शनकारी बैठे हुए थे। मंच के सामने सुनने वाले करीब 15-20 लोग बैठे थे। दोपहर के समय तो ज्यादातर प्रदर्शनकारी मंच से बाहर आ जाते थे, लेकिन अब धरनास्थल पर दूर-दूर तक इक्का-दुक्का व्यक्ति ही नजर आता है। ऐसे में राकेश टिकैत टेंटों का धरना जारी रखना चाहते हैं। माना जा रहा है कि कृषि कानूनों को वापस करने की घोषणा पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने यकीन किया और वह घर लौटना शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होने पर लंगर में भोजन भी पहले से कम बन रहा है।
राकेश टिकैत हुए लखनऊ रवाना
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। वह लखनऊ में सोमवार को होने वाली पंचायत में शामिल होने के लिए रवाना हो गए। राकेश टिकैत ने जाने से पहले कहा कि लखनऊ में होने वाली पंचायत एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने के लिए समर्पित है। कृषि कानून छह माह पहले वापस हो सकते थे। एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने, सीड बिल, प्रदूषण और किसानों पर दर्ज मुकदमों पर सरकार को टेबल पर आकर बातचीत करनी होगी। इसके बाद ही किसान घर वापिस जाएंगे।
रास्ता बंद करने के खिलाफ धरना देंगे लोग
यूपी गेट पर दिल्ली जाने वाले रास्ते पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग को लेकर कौशांबी के लोगों ने सोमवार को धरना देने का निर्णय लिया है। शनिवार को भी लोगों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दो घंटे तक धरना दिया था। लोगों का कहना है कि 18 हजार की आबादी वाले कौशांबी की आंतरिक सड़कों से रोजाना 70 हजार वाहन दिल्ली आते-जाते हैं। इससे प्रदूषण हो रहा है और जाम लगता है। अब प्रधानमंत्री ने कानून वापस लेने की घोषणा की है तो इन्हें तुरंत यहां से हटना चाहिए